रहब हम तोहरे नगरिया हो बढ़िया । रहब हम तोहरे नगरिया । झारी मझारी मे कुटिया बनायब । सब दिन बहारब डगरिया हो बढ़िया । भाङक धथुर पीसि तोहरा पियायब । भोर साँझ दुपहरिया हौ भग्या । भङक बारे में बसहा चराएब । जीवन भरि करबौ चकरिया हैं बढ़िया । धतूरे के फूल बेलपत्र चढ़ बह । चानन चढ़ायब केशरिया हो वीडियो ।। कतबो हटीला सँ हम नहि हटबह । कहियो ने छोरबह दुअरिया ही बढ़िया । सब दिन नवीने नचारी सुनाकए । अप्पन बितायब उमरिया हो बढ़िया ।। नेको अनेको जनममे बसबिहह । अपने घर पछुअरिया ही भडिया ‘मधुकर'' सतत बाट हम तोरे ताकब । कहियो तऽ फेरबऽ नजरिया है बढ़िया ॥
Maithli lokgeet