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Showing posts with the label नचारी गीत

रहब हम तोहरे नगरिया हो बढ़िया ।नचारी गीत

रहब हम तोहरे नगरिया हो बढ़िया । रहब हम तोहरे नगरिया । झारी मझारी मे कुटिया बनायब । सब दिन बहारब डगरिया हो बढ़िया । भाङक धथुर पीसि तोहरा पियायब । भोर साँझ दुपहरिया हौ भग्या । भङक बारे में बसहा चराएब । जीवन भरि करबौ चकरिया हैं बढ़िया । धतूरे के फूल बेलपत्र चढ़ बह । चानन चढ़ायब केशरिया हो वीडियो ।। कतबो हटीला सँ हम नहि हटबह । कहियो ने छोरबह दुअरिया ही बढ़िया । सब दिन नवीने नचारी सुनाकए । अप्पन बितायब उमरिया हो बढ़िया ।। नेको अनेको जनममे बसबिहह । अपने घर पछुअरिया ही भडिया ‘मधुकर'' सतत बाट हम तोरे ताकब । कहियो तऽ फेरबऽ नजरिया है बढ़िया ॥

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी ।नचारी गीत

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी । नहि मांगल कैलासपुरी हम, झारखंड ओ बाड़ी नहि मांगल विश्वनाथ मंदिर, ने हम महल अटारी वतहवा वना देल है भिखारी । एक भजन होए जटा तोडि नोचि लेतहु सब दाढ़ी बसहा बरद के डोरी य भारि तहु पैना चारि बाबा बना देलो हूं भिखारी । दोसर मौन होइए अहाँके बिकौटितौं, धऽ कऽ मरम पर हाथ से अपने बियाहल अन्नपूर्णा, देखलौ नयना चारि बाबा बना देलहुँ भिखारी ।

जोगिया एक हम देखल गे माई ।नचारी गीत

जोगिया एक हम देखल गे माई । अद्भुत रूप कहल नहि जाई । पाँच वदन, तिन नया वाला ।। वसन बहन ओढ़न वध छाला । सिर वह गंगा, तिलक सोहे चंदा । देखि सरूप मेल दुख-दन्दा । एहि जोगियामे रतलि भवानी । मन आनल वर कोन गुन जानी । कुल नहि सिल, नहि तात-महतारी । वएस हिनक थिक लछ जुग चारी । सुनु ए मनाइनि विद्यापति बानी । इहो जोगिया तरीका त्रिभुवन दानी ।

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी ।नचारी गीत

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी । जानी ने मंत्र-जप-तप, पूजा के विधि ने जानी । तइयो हमर मनोरथ, पूजा करू हे दानी । चुप भए किए बइसल छी, खोलु ने कने केबारी । बाबा अहाँके महिमा, बच्चेसँ हम जनइ छी । दु:ख की कहू अहाँके सभटा अहाँ जनइ छी । दर्शन दिय दिगम्बर, दर्शन के हम भिखारी । हैं नाथ हम अनाथ, वर दथ करू सनाथ । मिनती करू नमेश्वर, कर जोड़ि दुनु हाथे । डमरू कने बजाङ, गाबई छी हम नचारी ।

कहू- कहू आहे सखि शम्भु उदेश कतहु ने भेटला हमरो महेश नचारी गीत

कहू- कहू आहे सखि शम्भु उदेश कतहु ने भेटला हमरो महेश देखलहुँ शिवके घमैत मशान डिमडिम डमरु बसहा असवार कहू-कहू, आहे सखि शम्भु उदेश देखल हर के घुर्मत कैलाश गले बीच विषधर त्रिशुल भाल कहू-कहू आहे सखि शम्भु उदेश कातिक गणपति छथिन अज्ञान कोना हम छोड़ि शिव के खोजब मशान कहू-कहू आहे सखि शशु उदेश

राखब की सबदीन दानी दुखक जनजालमे ।नचारी गीत

राखब की सबदीन दानी दुखक जनजालमे । लीखने की नई छी बाजू सुख हमरा भागमे ।। दौरल-दौरल भटकल-भटकल द्वार अहाँके एलौंह । अहाँ कृपा ने केलहुँ दानी ते दुखिया हम भेलीह । एको बेरने घुमि कऽ तकै छो, छी भाँगक तालमे । लीखने की नई छी याज़ सुख हमा भागमे 1 दल फाटल टुटली मरया चस्व होन हम भेलोंह अहाँ कृपा नहि केलौंह दानी से दुखिया हम भेलौंह । एक बेर ने चुमि कऽ तक छी, छी अप्पन तालमे ।। लीखने की नई छो बाजू सुख हमरा भागमे ।। भाँगक पुरीया बटोरि-बटोरि क कर्महीन हम भेलीह । एको बेर ने घुमि क तर्क छी, छी भाँगक तालमे । लीखने की नई छी बाजू सुख हमरा भागमे 1

किये गौड़ी सँ चोराकऽ भोला भाँग खेलियै ।नचारी गीत

किये गौड़ी सँ चोराकऽ भोला भाँग खेलियै । सब दिन बसहा चरेलियै ने आराम केलियै ।। हम छी भोला अहीं के पुजारी, फुलवा लेलौह भरि-भरि थारी किये पूजा के बेर भोला कैलाश चलि गेलौह यो ।। हम छी भोला अहीं कर पुजारी, जलवा लेलौंह भरि-भरि गगरी । किये पूजा के बेर भोला द्वितीया के चान भँ गेलौंह यौ ॥

औढ़र दानी प्रति बम भोला कलजोर विनय करै छी ।नचारी गीत

औढ़र दानी प्रति बम भोला कलजोर विनय करै छी । किये ने आँख तकै छी, किये ने आँखि तक छी ।। भोरे उठि हम फल लोढई छी, कखनो डाली कखनो फुलडाली मस्तक पर चढ़बई छी किये ने आँखि तकै छी ।।। भौरे उठि हम जल भरि लबै छी, कखनो सीसी कखनो बोतल मस्तक पर चढ़बई छी, किये ने आँखि तकै छी I भोरे उठि हम बेलपत्र तोडि लबई छी, कखनो डाली कखनो फुलडाली मस्तक पर चढ़बई छी, किये ने ऑँख तकै छी ।।

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । नचारी गीत

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार । जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर, मुदा देख छिऐ रूप भयंकर है| सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे, मुदा शिव ऐला बड़द चढ़ा है । सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे, मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे । भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल

सभहक दुख अहाँ हरे छी भोला, हमरा किए बिसरै छो यो ।नचारी गीत

सभहक दुख अहाँ हरे छी भोला, हमरा किए बिसरै छो यो । हमहूँ सेवक अहीं के भोला, कोनो विधि निम छो यो । कपारो फटल, बेमायो फादल, किन्तु हम चलै छो यो । द्वारे डाढ़ अहाँकै हमहूँ, पापी जानि टरै छो यो । सेवक अहाँक पुकारि रहल अछि, झाड़खण्ड बैसत छो यो । आचों कृपा करू प्रभु हमरा पर, दुखिया देखि भुलै छी यो । त्रिभुवन नाथ दिगम्बर भोला, सभटा अहाँ जनै ॐ यो । बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाऽ शर। कथी के नाव-नेवरिया, कथ्ी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेबनहारे, भोला उतारे पार । जै तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चदाब परसाई । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चले, उठै धमसात । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाधीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल ।

तीन नयन से सुतला महादेव,नचारी गीत

तीन नयन से सुतला महादेव, सभ धन लए गेल चोर । आई हे माई, पर हे परोसिन, शिव जी के दियनु जगाई गे माई । धन में धन छल, बसहा बरद छल, आर छल भांगक झोरी, गे माई । खोजि-जोहि लायव बसहा बरद हम, कहास लायव भंगझोरी, गे माई । भनहि विद्यापति गाओल, इहो थिका त्रिभुवन नाथ गे माई ।

शिव हो, उतरब पार कओन विधि Iनचारी गीत

शिव हो, उतरब पार कओन विधि I लांब कुसुम तोडब बेलपात । पूजी सदाशिव गौरीक साथ । वसह चढ़ल शिव फिरए मसान । बढ़िया जरठ वेदन नहि जान । जपतप नहि, नहि कहु दान । वितिगेल तिपन करत आन 1! भनइ विद्यापति सुनह महेश । निरधन जानि मोर हरह कलेश Also read my shayari blog  : http://liveshayari.in

कखन हरब दुख मोर, हे भोलानाथ । नचारी गीत

             नचारी गीत कखन हरब दुख मोर, हे भोलानाथ । दुखहि जनम भेल दुखहि माल, सुख सपनहु नहि भेल 1 एहि भवसागर थाह कतहु नहि भैरव धरू करुआर । भनइ विद्यापति मोर भोलानाथ गति, करव अन्त मोहि पार ।