Skip to main content

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी ।नचारी गीत

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी ।
जानी ने मंत्र-जप-तप, पूजा के विधि ने जानी ।
तइयो हमर मनोरथ, पूजा करू हे दानी ।
चुप भए किए बइसल छी, खोलु ने कने केबारी ।
बाबा अहाँके महिमा, बच्चेसँ हम जनइ छी ।
दु:ख की कहू अहाँके सभटा अहाँ जनइ छी ।

दर्शन दिय दिगम्बर, दर्शन के हम भिखारी ।
हैं नाथ हम अनाथ, वर दथ करू सनाथ ।
मिनती करू नमेश्वर, कर जोड़ि दुनु हाथे ।
डमरू कने बजाङ, गाबई छी हम नचारी ।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । नचारी गीत

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार । जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर, मुदा देख छिऐ रूप भयंकर है| सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे, मुदा शिव ऐला बड़द चढ़ा है । सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे, मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे । भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी ।नचारी गीत

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी । नहि मांगल कैलासपुरी हम, झारखंड ओ बाड़ी नहि मांगल विश्वनाथ मंदिर, ने हम महल अटारी वतहवा वना देल है भिखारी । एक भजन होए जटा तोडि नोचि लेतहु सब दाढ़ी बसहा बरद के डोरी य भारि तहु पैना चारि बाबा बना देलो हूं भिखारी । दोसर मौन होइए अहाँके बिकौटितौं, धऽ कऽ मरम पर हाथ से अपने बियाहल अन्नपूर्णा, देखलौ नयना चारि बाबा बना देलहुँ भिखारी ।