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सिया रघुवर यौ अहाँ बिनु दुनिया अन्हार ।| भगवानी गीत

सिया रघुवर यौ अहाँ बिनु दुनिया अन्हार । मात् कौशिल्या करुणा करे छथि दशरथ त्यागल परान । नगरक लोक सभ करुणा पसारले अयोध्या लागत अन्धकार । चौदह वरख रघुवर वन रहताह कैकई के लिखल विधान । तुलसीदास प्रभु तुम्हरे रस को आहँ विनु दुनियाँ अन्हार ।