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Showing posts with the label विषहरिक गीत

पीअर आँचर विषहरि, थकरल केश ।विषहरिक गीत

पीअर आँचर विषहरि, थकरल केश । राम, सेवक दुख सुनय विषहरि लेल परेश किये लय पूजू मइया, किये चढ़ायब । राम, किये लए करब मइया तोहरो श्रृंगार । दूध लऽ पूजब मइया, लाबा चढ़ाएब ।। राम, अड़हुल फूल लय करब श्रृंगार 1 फल मध्य गुअबा, नैवेद्य मध्य पान । राम, देवी मध्य विषहरि दोसर ने आन

छोटी-मोटी अंगनामे बहुत पसार ।विषहरिक गीत

छोटी-मोटी अंगनामे बहुत पसार । राम, मिलैत-जुलैत विषहरि के भए गेल साँझ । आमा गर मिलय गेली उती-पेटार ।। राम, बाबा घर मिलय गेलय देल धेनु गाय ।। भउजो गर मिलय गेली, मुखह ने बोल । राम, भइया गर मिलय गेली लहगा-पटोर ।

ऊँची रे अटरिया पर विषहरि माय,विषहरिक गीत

ऊँची रे अटरिया पर विषहरि माय, राम, नीची रे अटरिया पर सोनरा के भाय । देबौ रे सोनरा भाइ डाला भरि सीन, राम, गढि दिअनु विषहरि क कलस पचास बाट रे बटोहिया कि तोहें मोर भाइ, राम, कहबनि विषहरिके कलस लय जाइ तोहरो विषहरि के चिन्हिया ने जानि, | राम, कहबनि कोनाकः कलस लय जाय । हमरो विषहरि के नामी-नामी केश, राम, मुठी एक डॉर छनि अल्प वएस ।

कागा लऽ गेल मुद्रिका, चिल्होरि ग्रीमहार ।विषहरिक गीत

कागा लऽ गेल मुद्रिका, चिल्होरि ग्रीमहार । रामं, ताहि लेल विषहरि रोदना पसार । सोन ले रे सोनरा, रूपा ले पटा । राम, गढि दए सोनरा भैया सोने श्रीमहार । पहिरि लीअ विषहरि मैया, गले ग्रीमहार । राम, कर लागू आहे विषहरि सेवक गोहार । नाव ला रे मलहा भइया आरो करुआरे । राम, विषहरि औती मृतभुवन, हुरती कलेर

पवनैतिन पर विषहरि ढर गयो रे, गजब भयो रामा जुलुम भयो रे ।विषहरिक गीत

पवनैतिन पर विषहरि ढर गयो रे, गजब भयो रामा जुलुम भयो रे । विषहरि के देखलहुँ फूलो के डाढि पर, झूल गयो रे । गजब भयो रामा जुलम भयो रे विषहरि के देखलहुँ मेंहदो के डारि पर, झूल गयो । - गजव भयो रामा जुलुम भयो रे बिषहरि के देखल जाही-जूही में, छुप गयो रे गजब भयो रामा जुलुम भयो रे बिषहरि के देखलहुँ लाबा-दूध खाइत, गजब भयो रामा जुलुम भयो रे

विषहरि विषहरि, करै छी पुकार ।विषहरिक गीत

विषहरि विषहरि, करै छी पुकार । कतहुँ ने देखै छी, जननी हमार । तेल दे रे तेलिया, दीप दे रे कुम्हार । बाती दे रे पटबा भइया, लेसू प्रहलाद । नाव दे रे मलहवा भइया, धरू करूआर । जायब सरोवर-पार, होली अबेर । अबेर ।।

सावन मास नागपंचमी भेल

सावन मास नागपंचमी भेल घर-घर विषहरि पूजा लेल । ककरो घर विषहरि दूध लाबो लाल । ककरो घर खोर भोजन लेल । भगता घर विषहरि दूध लावा लेल । सेवकक घर खीर भोजन लेल भनहि विद्यापति विषहरि केलि । सदा रहब है मैया दहिन भेल । कओने फूल उज्जर, कओने फूल लाल । कौने फूल विषहरि के सोभय ग्रीवाहर । चेली फूल उज्जर, गेन्दा फूल लाल । अंदुल फाल विषहरी के शोभय ग्रीवाहार । पहिरि ओढ़ विषहरी आँगन भेली ठाढ़ । सुरूजक जोति किषहरि- कयल मलीन । कहाँ तोर आसन बासन कहाँ तोर यास है । ककर तो पाँचो बेटी छल की तोहर नाम हे । मैंना पात आसन वासन सरोबर कास है । गौरी दाई के पाँचो बेटी विषहरि नाम है । नाव ले ? मलहा भैया रूपे करूआरि । विषहरि जेती मृत्युभवन हेतनि अतिकाल । दीप ले रे कुम्हरा भइया पाटे सुत बाती । तेल दे रे तेलिया भइया होइए अतिकाल 1 भनहि विद्यापति विषहरि नाम । सदा भेल दिन रह जुनि होइयौ बाम ।

छोटी-मोटी   निमक गछिया  नाक गछिया, चतरल-चतरल डारि विषहरिक गीत

छोटी-मोटी   निमक गछिया  नाक गछिया, चतरल-चतरल डारि ताही ठाम पाँचो बहिनी, खेलय जुआ सारि । जुअबा खेलइते माइ हे, टुटल गृमलहार । कनइते खिजइते विषहरि, गहबर लोटाइ । जुनि कानू, जुनि खीजू, बिषहरि आबऽ दिअ पटबा, गथायब गृमलहार पहिरि-ओढ़ बिषहरी, आंगन भेली ठादि चान-सुरूजक जोति, गेल मुरझाया ।

कथी के चौखण्डी माता कथी के चौपारि ा

कथी के चौखण्डी माता कथी के चौपारि ा कधी के ओढनी विसहरि खेले जुआ सारि । सोना को चौखण्डी मैया रूप चौपाई । तुलसी ओठडनी विषहरि खेले जुआ सारि । खेले धुपत विषहरी गेली अलसाय । सिरमा बैसल भगता बेनिया डोलाय । कहाँ तोर आसन-बासन कहाँ निज धाम 1 कोने दाइक बेटी थिकी कि धिक नाम । मैना तोहर आसन-वासन वैह ठीक नाम । गौरी दाइक बेटी थिको बिसहरि नाम । जोडी लागल छागर देव रहू एहि ठाम । सदा दहिन रहू होइयो ने बाम ।                                सावन विषहरी लेलनी प्रवेश । भादव विषहरि खेलल झिलहरि । आसिन विषहरि भगता लेल पान । कार्तिक विषहरि नयना झरू नोर । अगहन विषहरि होयतीह अनमोल । सभ दिन सभ ठाम रहथि सहाय ।

पियर अँचरी विषहरि के नामी-नामी केश । विषहरिक गीत

                विषहरिक गीत पियर अँचरी विषहरि के नामी-नामी केश । घुमइत एली विषहरि तिरहुत देश । तोहरो सिंगार विषहरि लाबा आ दुध । हमरो सिगार विषहरि सिर के सिन्दूर । तोहरो सिंगार विषहरि अड़हुल फूल । हमरो सिंगार विषहरि कोर भरि पूत । फल बीच गुअबा नैवेद्य बीच पान । देवी बीच विषहरि मैया दोसर नहि आन 1 साओन मास नागपञ्चमी भेल । विषहरि गहवर सोहावन भेल ।। केओ नीपे गहवर केओ चौपारि । हमही अभागिन निपी दुआरि । केओ लोढे अढूल केओ बेलपत्र । हमहु अभागिन हरियर दूबि केओ माँगे अनधन केओ माँगे पूत । हमहू अभागिन सिरक सिन्दूर ।