Skip to main content

Posts

Showing posts with the label हिरदय अधिक

प्रथमहि गेल धनि प्रीतम पास सजनी गे, हिरदय अधिक बटगवनी

प्रथमहि गेल धनि प्रीतम पास सजनी गे, हिरदय अधिक भेल लाज सजनी गे। ठाढि भेलि नि अंगों नहि डोलय, हेम-सुरुति सनि कर धए लेल पहु पास बैसाए सजनी गे, बैसलि रहलि धनि वदन झुकाए सजनी गे । मुख हेरि ताकए भमर झाँपि लेल सजनी गे, आँकम भरिके कमलमुखि लेल सजनी गे । भनहि विद्यापति देह सुमति सजनी गे,पुरुषक नहि किछु आस सजनी गे।