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Showing posts with the label पराती. 5.. by mk jha

मैथिली लोकगीतपराती

प्रिये हम जाइत छी वनवास सत्य प्रतिज्ञा कयलनि पिताजी, कैकेयी कयल प्रयास कौशिल्या सन सासु महलमे, तखन सिय रहु धय आश हिनकर सेवा करब उचित थिक, धैर्यहि विपत्तिक नाश कन्द मूल फल संयोगहि भेटत, लागत भूख पियास दुर्गम बाट दिन विकट जौं, लेब कहाँ कऽ बास प्रिय हम जाइत छी वनवास