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Showing posts with the label | भगवानी गीत

गोकुल के बगियामे भोर दुपहरिया मे, बाजे कोइली घमसान | भगवानी गीत

गोकुल के बगियामे भोर दुपहरिया मे, बाजे कोइली घमसान बाँसुरी के धुन सुनि जिया घबराइ छ, देखि-देखि कृष्ण कन्हाइ नितराइ छै ।।।। मिलि जुलि खेलबा लेल संग-संग खेलबा लेल, काटै छै अहूरिया प्राण 1गो०। बीच सभामे द्रौपदी पड़ल छै, अपन रहैत सब अनाथे बनल छै लाजो बचाय लेल दै छै सुदर्शन चक्र, देखही केहन छै बसुरिया के तान 1 गो० नहाय सोनाय गोपी आबि बैसल छै, माखन खैबा लेल काटै अहरिया प्राण । देखही केहन छै बसुरियाक तान (गो०।।

नामि नामि केशिया शवरी अंगना बहारय| भगवानी गीत

नामि नामि केशिया शवरी अंगना बहारय एहि बाटे औता हमरे घरवा हो रामा । मैटिक पात्र मे निर्मल गंगाजल चरण पखारब सीता रामा ! कुश आसन शबरी झाडि ओछाबय एहि पर बैसथिन्ह श्रीरामा, हमरे घरबा हो रामा। केरल के पात पर मेवा परोसय भोग लगौथिन श्रीरामा, हमरे घरबा हो रामा ।

राम गलती केलनि सीता के वन मे देलनि,| भगवानी गीत

राम गलती केलनि सीता के वन मे देलनि, छलइन गरभमे बालक लव कुश नाम स सीता शोभित मैथिली लोकगीत/४३ कुछ दिन बादेमे वालक भेलनि, हनी जंगल में कियो ने अपमान भलनि । सीता किसी ने खेलनि दुध वान सँ । सीता शोभित ने रहली श्रीराम से 1० चिट्ठी लीखैत छथि सीता ससुर नामसँ, माता कौशल्या अवध धाम से । राम कनियों ने बुझथि हमरो वचन, सीता शोभित ने रहली श्रीराम सं गा चिट्ठी लऽ जे हजाम अयोध्या गेलइ, सरयुगोके धाम पर राम जी भेजो भाई । अन्तर्यामी स्वामी छलाह, पत्र छिनलनि आ पढलनि अपन वाण से ॥०1 पत्र पडितो मे किछु अफसोचो भेलनि, वित्त अवसर गेलनि हमर नाम से । सीता शोभित ने रहली श्रीराम से ।io1 सीता लक्ष्मी छली । लव-कुश वनमे भेलनि, सीता शोभित नै रहली श्रीराम सं ।।२।।

पत्र लिखलनि जे सीता श्रीराम स,| भगवानी गीत

पत्र लिखलनि जे सीता श्रीराम स, फुलवारी में रासो रचेलौं अहाँ । ओतहि नैना मे नैना मिलेलौं अहाँ, पत्र लिखलनि जे सीता श्रीराम स ।० यदि हमारे सिनेमा अहाँ लंका गेहूं, शंख चूरी आ सिन्दूर एतहि अछि हमर । पत्र लिखलनि ज सीता श्रीराम सँ ।न लंका सँ आनि समस्या केलौं, अग्नि में ठाढ़े आहाँ परीक्षा लेलौं, एकटा धोबिया परबोधिया के कहला पर, ओ निकालने छथि हमरा ससुर धामसँ, पत्र लिखलनि जे सीता श्रीराम सं ।।२।। सांझ पड़ी गेल अवध मे अन्हारे जे अछि, कनी लक्ष्मण सँ कहबनि हमरो आशीष । पत्र लिखलनि जे सीता श्रीराम सँ ।०1

तिलक लगौने धनुष काँध पर दूटा बालक बाढ़ छ ।| भगवानी गीत

तिलक लगौने धनुष काँध पर दूटा बालक बाढ़ छ । धूमि रहल छै जनक बागमे फूल तोड़े लेल ठाढ़ पुछै छै त कहै छै जे अवधक राजकुमार छै श्याम ंग जे सब स सुन्दर ओएह सभक सरदार छ काल्हि जे बजला राजा जनकजी दुनियामे नहि वीर छ । से सुनि कुदि उठला लक्ष्मणजी ई कोन भारी बात छै । चुटकी सँ मलि देवइ धनुष के ई कोन भारी बात छ । जखन रामजी धनुष तोडल मचि गेल जयजयकार छै। संग सहेली सीता के कर सुन्दर सन जयमाल छै ।।०।।

बरजु ने अपन कन्हैया, यशोदा मैया ।| भगवानी गीत

बरजु ने अपन कन्हैया, यशोदा मैया । पनिया भरन गेलों यमुना किनारे । फोरि देल हमरी गगरिया, यशोदा० । दही बेचय गेलहुँ वृन्दावन । छीन खायल मोर दहिया, यशोदा० । गैया चराबय गेलहुँ वन जंगल । फारि देल मोर सरिया, यशोदा० । चले श्याम सुन्दर से मिलने सुदामा । गाते चलो मन मे हरे कृष्ण रामा । लोटा ओ डोरी कन्धे लटकाये । ताण्डुल की गठरी बगल मे दबाये । पहुँचे विप्र द्वारिकापुरी धामा 1 गाते० छोड़ि सिंहासन प्रभु उठि धासे ।। सखा बन्धु कहि गले लगाये । पुलक पसीजे धनश्यामा । गाते

जल लिय जल लिय रूक्मिनी रानी| भगवानी गीत

जल लिय जल लिय रूक्मिनी रानी विप्र सुदामा के चरण पखारू 1 विप्र सुदामा० सोनाक थार कपूरक बाती जल्दी सँ आरती उतारू । विप्र सुदामा सोनाक झाड़ी गंगाजल पानी चरन पखारू सुदामा के । विप्र सुदामा०