Skip to main content

Posts

Showing posts with the label भगवतीक गीत 4..by mk jha

भगवतीक गीत

नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली केओ चढ़ाबे माँ के अक्षत चानन, माँ हे केओ चढ़ाबे फुलहारी सेवक चढ़ाबे माँ के अक्षत चानन, माँ हे माली चढ़ाबे फुलहारी केओ चढ़ाबे माँ के करिया छागर, माँ हे केओ चढ़ाबे फुलहारी सेवक चढ़ाबे माँ के करिया छागर, माँ हे मालिन चढ़ाबे फुलहारी नया शहर कलकत्ता हो राजा, जहाँ बिराजे महाकाली