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गौरीक गीत

गिरिजा पूजैत सिया फड़कय बामा नयना
हे शुभ अंगक फरकब
सखि हे राति देखल हम सपना
हे शुभ अंगक फरकब
गोर छबीले श्यामल सलोने
प्रीतम जनकजी के अंगना
हे शुभ अंगक फरकब
गोरे कुबंर मोर देओर हयता
प्रीततम श्यामल सलोना
हे शुभ अंगक फरकब
ई सुनि हँसि जनक जी सँ कहलनि
जिनकर नाम सुनयना
हे शुभ अंगक फरकब
तुलसीदास कहे सीता बड़ भागिनि
पाओल वर श्याम सलोना
हे शुभ अंगक फरकब
गिरिजा पूजैत सिया के
फरकय बामा नयना
हे शुभ अंगक फरकब......by mala jha 

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बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । नचारी गीत

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार । जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर, मुदा देख छिऐ रूप भयंकर है| सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे, मुदा शिव ऐला बड़द चढ़ा है । सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे, मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे । भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल

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