Skip to main content

बाबा ठोकने छी बज़ केवार, हम दुआर न हो की ।।

बाबा ठोकने छी बज़ केवार, हम दुआर न हो की ।।
बाबा खोलू ने बस केवार, हर एआर ४ ॥
गंगा निकट से जल भरि लेलन हैँ,

आहाँ के लेल वा कार जेल।
कधी तऽ गेल दुखाई, बाबा दुआरि थे। बाद अंत ।
मलीया बाड़ी सऽ फल लोदि लेल,

आहाँ के लेल बाबा लागल।

बाबा हाथे त गेल दुखाई, दुआरि धेने ठाढ भेल छी
कर्पूर गौरं, करुणा वतारं, संसार सारं, भुजगेन हारम
सुदा वसंत, हृदयारविन्दे, भवम् भवानी, सहितं नमामि
बाबा सब मंत्र देलह सुनाई, दुआरी देने ठा ई मेल ली
बाबा ठोकने छी बज़ केवार, हम दुआरि धेने वाढ भेल छ
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀

रहि-रहि पीस पड़े भंगिया,
हम नैहरवा कहिया जाए।
जखने ओ भोरे अन्ना अबैत छथि,

भांग घोटना के मांगो करैत छधि ।
| थर-थर कांपे मोरो बदनमा,

हम नैहरवा कहिया जाए।
जलने ओ भोरे अङना अवैत छथि,

भाँग घोटना के मांग करैत छकि।
कार्तिक हरा देलन्हि भांग घोटना,

। आम नैहरवा कहिया जाएब ।
कार्तिक गनपति दुइ ललनमा,

खाए क कारण कर हरनमा ।
गति गेल कोमल सनके बदनमा,

हम नहरवा कहिया जाएव ।।
रहि-रहि पीसऽ पड़ैए भंगीया,

हम नैहरवा कहिया जाए ।

Comments

Popular posts from this blog

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । नचारी गीत

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार । जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर, मुदा देख छिऐ रूप भयंकर है| सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे, मुदा शिव ऐला बड़द चढ़ा है । सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे, मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे । भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी ।नचारी गीत

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी । जानी ने मंत्र-जप-तप, पूजा के विधि ने जानी । तइयो हमर मनोरथ, पूजा करू हे दानी । चुप भए किए बइसल छी, खोलु ने कने केबारी । बाबा अहाँके महिमा, बच्चेसँ हम जनइ छी । दु:ख की कहू अहाँके सभटा अहाँ जनइ छी । दर्शन दिय दिगम्बर, दर्शन के हम भिखारी । हैं नाथ हम अनाथ, वर दथ करू सनाथ । मिनती करू नमेश्वर, कर जोड़ि दुनु हाथे । डमरू कने बजाङ, गाबई छी हम नचारी ।

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी ।नचारी गीत

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी । नहि मांगल कैलासपुरी हम, झारखंड ओ बाड़ी नहि मांगल विश्वनाथ मंदिर, ने हम महल अटारी वतहवा वना देल है भिखारी । एक भजन होए जटा तोडि नोचि लेतहु सब दाढ़ी बसहा बरद के डोरी य भारि तहु पैना चारि बाबा बना देलो हूं भिखारी । दोसर मौन होइए अहाँके बिकौटितौं, धऽ कऽ मरम पर हाथ से अपने बियाहल अन्नपूर्णा, देखलौ नयना चारि बाबा बना देलहुँ भिखारी ।