चन्द्रवदनि नव कामिनी सजनी गे, यामिनि अति अन्हियारी सजनी गे सखी संग चललि सयन गृह सजनी गे, कर पंकज दीप वारि सजनी गे । देखि उर अति सुन्दर सजनी गे, दीप राशि उठू काँपि सजनी गे धम धम करत झुकत फेर सजनी गे, भाल धुनै सिर माथ सजनी गे कथि लय देव जनम देल सजनी गे, चतुरानन' दीन हाथ सजनी गे।
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