बम-बम भैरो हो भूपाल,
अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार ।
कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि,
कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार ।
सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि,
भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार ।
जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार,
मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद ।
हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान,
बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान ।
छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल,
शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल
सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर,
मुदा देख छिऐ
रूप
भयंकर है|
सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे,
मुदा
शिव ऐला
बड़द
चढ़ा है ।
सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे,
मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे ।
भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल
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