औढ़र दानी प्रति बम भोला कलजोर विनय करै छी ।
किये ने आँख तकै छी, किये ने आँखि तक छी ।।
भोरे उठि हम फल लोढई छी, कखनो डाली कखनो फुलडाली
मस्तक पर चढ़बई छी किये ने आँखि तकै छी ।।।
भौरे उठि हम जल भरि लबै छी, कखनो सीसी कखनो बोतल
मस्तक पर चढ़बई छी, किये ने आँखि तकै छी I
भोरे उठि हम बेलपत्र तोडि लबई छी,
कखनो डाली कखनो फुलडाली
मस्तक पर चढ़बई छी, किये ने ऑँख तकै छी ।।
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