तीन नयन से सुतला महादेव, सभ धन लए गेल चोर । आई हे माई, पर हे परोसिन, शिव जी के दियनु जगाई गे माई । धन में धन छल, बसहा बरद छल, आर छल भांगक झोरी, गे माई । खोजि-जोहि लायव बसहा बरद हम, कहास लायव भंगझोरी, गे माई । भनहि विद्यापति गाओल, इहो थिका त्रिभुवन नाथ गे माई ।
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