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तीन नयन से सुतला महादेव,नचारी गीत

तीन नयन से सुतला महादेव, सभ धन लए गेल चोर । आई हे माई, पर हे परोसिन, शिव जी के दियनु जगाई गे माई । धन में धन छल, बसहा बरद छल, आर छल भांगक झोरी, गे माई । खोजि-जोहि लायव बसहा बरद हम, कहास लायव भंगझोरी, गे माई । भनहि विद्यापति गाओल, इहो थिका त्रिभुवन नाथ गे माई ।

शिव हो, उतरब पार कओन विधि Iनचारी गीत

शिव हो, उतरब पार कओन विधि I लांब कुसुम तोडब बेलपात । पूजी सदाशिव गौरीक साथ । वसह चढ़ल शिव फिरए मसान । बढ़िया जरठ वेदन नहि जान । जपतप नहि, नहि कहु दान । वितिगेल तिपन करत आन 1! भनइ विद्यापति सुनह महेश । निरधन जानि मोर हरह कलेश Also read my shayari blog  : http://liveshayari.in

कखन हरब दुख मोर, हे भोलानाथ । नचारी गीत

             नचारी गीत कखन हरब दुख मोर, हे भोलानाथ । दुखहि जनम भेल दुखहि माल, सुख सपनहु नहि भेल 1 एहि भवसागर थाह कतहु नहि भैरव धरू करुआर । भनइ विद्यापति मोर भोलानाथ गति, करव अन्त मोहि पार ।

हनुमान छथि बलवान जगतमे सब जानै हनुमान गीत

हनुमान छथि बलवान जगतमे सब जानै 1 कहाँ लछुमन राम, कहाँ बसु लछुमन, कहाँ वसु वीर हनुमान, जगतमे सब जाने । दक्षिण वसु राम पच्छिम वसु लछुमन, कदली वनस्थ हनुमान जगतमे सब जाने 1 की खयता राम, की खयता लछुमन, की खयता वीर हनुमान जगतमे सब जाने । खोआ खयता राम, पेड़ा खयता लछुमन; लाले लाल फल हनुमान जगतमे सब जाने