Skip to main content

पराती

सून भवन भेल भोर
श्याम बिनु सून भवन भेल मोर
आब के आओत दौड़ि, ककरा लपकि झपटि लेब कोर
आब के बजाओत मधुर मुरलिया, ककर चूमब दुनू ठोर
आब के खायत घरसँ लूटि रस, दूध-दही-धृत-घोर
आब ककरा हम लाल-लालकऽ बजायब, करबमे ककरा सोर
आब के बूलत सगर वृन्दावन, के कहाओत चितचोर
कहथि कविपति सूनु माता यशोमति, आब सुख होयत तोर
कंस पछाड़ि पलटि घर आओत, श्यामल मुख चन्द्र चकोर

Comments

Popular posts from this blog

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । नचारी गीत

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार । जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर, मुदा देख छिऐ रूप भयंकर है| सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे, मुदा शिव ऐला बड़द चढ़ा है । सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे, मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे । भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी ।नचारी गीत

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी । जानी ने मंत्र-जप-तप, पूजा के विधि ने जानी । तइयो हमर मनोरथ, पूजा करू हे दानी । चुप भए किए बइसल छी, खोलु ने कने केबारी । बाबा अहाँके महिमा, बच्चेसँ हम जनइ छी । दु:ख की कहू अहाँके सभटा अहाँ जनइ छी । दर्शन दिय दिगम्बर, दर्शन के हम भिखारी । हैं नाथ हम अनाथ, वर दथ करू सनाथ । मिनती करू नमेश्वर, कर जोड़ि दुनु हाथे । डमरू कने बजाङ, गाबई छी हम नचारी ।

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी ।नचारी गीत

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी । नहि मांगल कैलासपुरी हम, झारखंड ओ बाड़ी नहि मांगल विश्वनाथ मंदिर, ने हम महल अटारी वतहवा वना देल है भिखारी । एक भजन होए जटा तोडि नोचि लेतहु सब दाढ़ी बसहा बरद के डोरी य भारि तहु पैना चारि बाबा बना देलो हूं भिखारी । दोसर मौन होइए अहाँके बिकौटितौं, धऽ कऽ मरम पर हाथ से अपने बियाहल अन्नपूर्णा, देखलौ नयना चारि बाबा बना देलहुँ भिखारी ।