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मधुश्रावणी व्रत कथा : पाँच दिनकथा

महादेब परिबारक वर्णन :-

दक्ष, सती के प्राण त्याग्लाक बाद हिमालय के रूप में अवतार लैथ I हुनका क्रमशः पाँच टा कन्या भेलनि उमा, पार्वती, गंगा, गौरी आ संध्या । एही पाँचो क विवाह बेरि बेरि महादेव सं भेलनि।

उमाक उत्पति आ महादेब संग जुडब :- हिमालय के मनाइन नामक स्त्री सं एकटा बेटी भेलखिन। जखन ओ पाँच वर्ष क भेलि त महादेव क वर रूप में प्राप्त करवाक कामना सं तपस्या करवा हेतु विदा भेलि । मनाईन मना करैत रहि गेलखिन मुदा ओ नहि मानलि तें हुनकर नाम उमा पङलैन । आठ वर्ष क भेला पर महादेव हुनका तपस्या से प्रसन्न भई हुनका सं विवाह क लेलैथ आ मनाईन अपन माथ पिटैत रहि गेली कि हुनकर सुकुमारी क विवाह बूढ बर सं भ गेल।

पार्वतीक उत्पति आ महादेव संग बिआह :-

हिमालय क दोसर बेटी पार्वती भेलखिन। पार्वती एक दिन फूल तोरबाक लेल कनक शिखर पर गेलखिन । ओतए एकटा बूढबा क बसहा पर चढल आ डमरू बजबैत देखलखिन। पार्वती चिन्ह गेलखिन जे इत साक्षात् महादेव छैथ। सखि सब के मना केला क बादो

 ओ ओकरा सब के घर विदा क बसहा पर बैसी महदेव संगे चलि गेली। मानाइन फेर कानैत बाजैत रहि गेली ।


गंगाक आविर्भाव :-

हिमालय क तेसर बेटी भेलखिन गंगा। ओ जखन पैघ भेलित एक दिन महादेव भिखारी रूप ध आबि क गंगा क अपना चोटी में नुकाए भागि गेलखिन। तहिया सं गंगा महादेव के जटा में विराजमान रहैत छैथ।


Mala jha

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