खोलने केबार
खोलू ने केबार है जननी, खोल के केवार
माँ के द्वार पर फूल नेने ठाढ़ छी........
पूजा करब तोहार हे जननी, पूजा करब तोहार
माँ के द्वार पर धूप नेने ठाढ़ छी........
आरती उतारब तोहार हे जननी, खोलू ने केवार
माँ के द्वार पर धूप नेने ठाढ़ छी....
भोग लगाएब तोहार है जननी, खोलू ने केवार
खोलू ने केवार है जननी, खोल ने कंवार ।
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