सभकेर सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे, हमरा किए विसरै छी हे
ठीक है पुत्र अहंकार जननी, से तऽ अहाँ जनै छी हे
एहन निष्ठुर किए अहाँ भेलहुँ, कनिको दृष्टि नहि दै छी है
सैण-क्षण पल-पल ध्यान करे , नाम अहीं कार पै छी हं
नारि-दिवस हम तै रहै छी, दर्शन विनु तरसे छी है
छी जगदंबा, जग अवलम्बा, तारिणि तण बने छी
हमरा वेरा ने तर्क छ, पापी शनि देव छी है।
सब के सुधि अहाँ लै छी हे अम्बे
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