राम गलती केलनि सीता के वन मे देलनि,
छलइन गरभमे बालक लव कुश नाम स
सीता शोभित
मैथिली लोकगीत/४३
कुछ दिन बादेमे वालक भेलनि,
हनी जंगल में कियो ने अपमान भलनि ।
सीता किसी ने खेलनि दुध वान सँ ।
सीता शोभित ने रहली श्रीराम से 1०
चिट्ठी लीखैत छथि सीता ससुर नामसँ,
माता कौशल्या अवध धाम से ।
राम कनियों ने बुझथि हमरो वचन,
सीता शोभित ने रहली श्रीराम सं गा
चिट्ठी लऽ जे हजाम अयोध्या गेलइ,
सरयुगोके धाम पर राम जी भेजो भाई ।
अन्तर्यामी
स्वामी छलाह,
पत्र छिनलनि आ पढलनि अपन वाण से ॥०1
पत्र पडितो मे किछु अफसोचो भेलनि,
वित्त अवसर गेलनि हमर नाम से ।
सीता शोभित ने रहली श्रीराम से ।io1
सीता लक्ष्मी छली ।
लव-कुश वनमे भेलनि,
सीता शोभित नै रहली श्रीराम सं ।।२।।
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