कोन फूल पियर हे माता कोन फूल लाल हे ।
कोन फूल पहिरन माँ के कोन फूल सिंगार हे ।
चम्पा फूल पियर हे माता ओढ़हुल फूल लाल है ।
बेली फूल पहिरन माँ के चमेली फूल सिंगार है ।
पहिरिये ओढीये काली मन्दिर में ठाडी हे ।
सब सखियन मिली
पूजा
दुआर
हे ।
पाँच सात सखी मिलि विनती करे तोहार हे ।
हमरो
विनैया
माता
सुनो बारंबार
है ।
एकटा के पुत्र दिया
धन
के सिंगार हे ।
आहे पुत्र होते
माता
सेवक तोहार हो ।
बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार । जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर, मुदा देख छिऐ रूप भयंकर है| सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे, मुदा शिव ऐला बड़द चढ़ा है । सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे, मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे । भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल
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