सावन मास नागपंचमी भेल
घर-घर विषहरि पूजा लेल ।
ककरो घर विषहरि दूध लाबो लाल ।
ककरो घर खोर भोजन लेल ।
भगता घर विषहरि दूध लावा लेल ।
सेवकक घर खीर भोजन लेल
भनहि विद्यापति विषहरि केलि ।
सदा रहब है मैया दहिन भेल ।
कओने फूल उज्जर, कओने फूल लाल ।
कौने फूल विषहरि के सोभय ग्रीवाहर ।
चेली फूल उज्जर, गेन्दा फूल लाल ।
अंदुल फाल विषहरी के शोभय ग्रीवाहार ।
पहिरि ओढ़ विषहरी आँगन भेली ठाढ़ ।
सुरूजक जोति किषहरि- कयल मलीन ।
कहाँ तोर आसन बासन कहाँ तोर यास है ।
ककर तो पाँचो बेटी छल की तोहर नाम हे ।
मैंना पात आसन वासन सरोबर कास है ।
गौरी दाई के पाँचो बेटी विषहरि नाम है ।
नाव ले ? मलहा भैया रूपे करूआरि ।
विषहरि जेती मृत्युभवन हेतनि अतिकाल ।
दीप ले रे कुम्हरा भइया पाटे सुत बाती ।
तेल दे रे तेलिया भइया होइए अतिकाल 1
भनहि विद्यापति विषहरि नाम ।
सदा भेल दिन रह जुनि होइयौ बाम ।
Comments
Post a Comment