Skip to main content

फिरथि शंभू के करनमा, गौरी दाइ त-तन में ना !महेशवानी

फिरथि शंभू के करनमा, गौरी दाइ त-तन में ना !

अन्न त्यागल, पानि त्यागल, त्यागल परनमा ।
बेलपात चिबाय गौरी
राखल
जीवनमा ।
गौरी दाइ वन-वन में ना०
होम कयलनि, जाप कयलनि नारद बभनमा ।
गौरी के लिखल छल इहो बुढ़ सजनमा 1
गौरी दाइ वन-वन मे ना०
इन्द्र के इन्द्रासन गेलय, विष्णु के असनमा ।
शंकर के कैलाश डोलय, बहय रे पवनमा ॥
गौरी दाइ वन-वन मे ना०
फिरय शंभू के करनमा, गौरी दाइ वन-वन मे ना !

बाबा ठोकने छी बज केवार, हम दुआरि धेने ठाढ भेल छी ।
बाबा खोलू ने बज केवार, हम दुआरि धेने ठाढ भेल छी ।
गंगा निकट सँ जल भरि लेलहँ,

आहाँ के लेल बाबा कामर सजेलहँ ।
कंधा तऽ गेल दुखाई, बाबा दुआरि धेने आढ़ भेल छी ।
भलीया बाड़ी सऽ फूल लोढि लेलहुँ,

आहाँ के लेल बाबा माला गधेलहुँ ।
बाबा हाथे तऽ गेल दुखाई, दुआरि धेने ठाढ़ भेल छी ।
कपुर गौर, करुणा वतार, संसार सारं, भुजगेन हारं !
सदा वसंते, हृदयारवीन्द, भवम् भवानी, सहितं नवामी ।
बाबा सब मंत्र देलौह सुनाई, दुआरि धेने ठाढ़ भेल छी ।
बाबा ठोकने छी बज़ केवार, हम दुआरि धेने ठाढ़ भेल छी ।

Comments

Popular posts from this blog

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । नचारी गीत

बम-बम भैरो हो भूपाल, अपनी नगरिया भोला, खेबि लगाबऽ पार । कथी के नाव-नेवरिया, कथी करूआरि, कोने लाला खेवनहारे, कोन उतारे पार । सोने केर नाव-नेवरिया, रूपे करूआरि, भैरो लाला खेवनहारे, भोला उतारे पार । जँ तोहें भैरो लाला खेबि लगायब पार, मोतीचूर के लडुआ चढायब परसाद । हाथी चलै, घोड़ा चलै, पड़ै निशान, बाबा के कमरथुआ चलै;, उठै घमसान । छोटे-मोटे भैरो लाला, हाथीमे गुलेल, शशिधर के दोगे-दोगे रहथि अकेल सखि हे सुनै छलिएन शिव बड़ सुन्दर, मुदा देख छिऐ रूप भयंकर है| सखि हे सुनै छलिऐन शिव औता गज चलि हे, मुदा शिव ऐला बड़द चढ़ा है । सखि हे सुनै छलिऐन शिव के पिताम्बर हे, मुदा देखे छिऐन ओढने बाघम्बर हे । भनहि विद्यापति गावल, शिव सुन्दर वर गौरी पावल

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी ।नचारी गीत

पूजा के हेतु शंकर, आयल छी हम पुजारी । जानी ने मंत्र-जप-तप, पूजा के विधि ने जानी । तइयो हमर मनोरथ, पूजा करू हे दानी । चुप भए किए बइसल छी, खोलु ने कने केबारी । बाबा अहाँके महिमा, बच्चेसँ हम जनइ छी । दु:ख की कहू अहाँके सभटा अहाँ जनइ छी । दर्शन दिय दिगम्बर, दर्शन के हम भिखारी । हैं नाथ हम अनाथ, वर दथ करू सनाथ । मिनती करू नमेश्वर, कर जोड़ि दुनु हाथे । डमरू कने बजाङ, गाबई छी हम नचारी ।

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी ।नचारी गीत

एहन सन धनवानक नगरी मे बाया बना देलहुँ भिखारी । नहि मांगल कैलासपुरी हम, झारखंड ओ बाड़ी नहि मांगल विश्वनाथ मंदिर, ने हम महल अटारी वतहवा वना देल है भिखारी । एक भजन होए जटा तोडि नोचि लेतहु सब दाढ़ी बसहा बरद के डोरी य भारि तहु पैना चारि बाबा बना देलो हूं भिखारी । दोसर मौन होइए अहाँके बिकौटितौं, धऽ कऽ मरम पर हाथ से अपने बियाहल अन्नपूर्णा, देखलौ नयना चारि बाबा बना देलहुँ भिखारी ।