फिरथि शंभू के करनमा, गौरी दाइ त-तन में ना !
अन्न त्यागल, पानि त्यागल, त्यागल परनमा ।
बेलपात चिबाय गौरी
राखल
जीवनमा ।
गौरी दाइ वन-वन में ना०
होम कयलनि, जाप कयलनि नारद बभनमा ।
गौरी के लिखल छल इहो बुढ़ सजनमा 1
गौरी दाइ वन-वन मे ना०
इन्द्र के इन्द्रासन गेलय, विष्णु के असनमा ।
शंकर के कैलाश डोलय, बहय रे पवनमा ॥
गौरी दाइ वन-वन मे ना०
फिरय शंभू के करनमा, गौरी दाइ वन-वन मे ना !
बाबा ठोकने छी बज केवार, हम दुआरि धेने ठाढ भेल छी ।
बाबा खोलू ने बज केवार, हम दुआरि धेने ठाढ भेल छी ।
गंगा निकट सँ जल भरि लेलहँ,
आहाँ के लेल बाबा कामर सजेलहँ ।
कंधा तऽ गेल दुखाई, बाबा दुआरि धेने आढ़ भेल छी ।
भलीया बाड़ी सऽ फूल लोढि लेलहुँ,
आहाँ के लेल बाबा माला गधेलहुँ ।
बाबा हाथे तऽ गेल दुखाई, दुआरि धेने ठाढ़ भेल छी ।
कपुर गौर, करुणा वतार, संसार सारं, भुजगेन हारं !
सदा वसंते, हृदयारवीन्द, भवम् भवानी, सहितं नवामी ।
बाबा सब मंत्र देलौह सुनाई, दुआरि धेने ठाढ़ भेल छी ।
बाबा ठोकने छी बज़ केवार, हम दुआरि धेने ठाढ़ भेल छी ।
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