दुर-दुर छीया ए छोया, एहन बौराहा संग जयती कोना धीया
पाँच मुख बीच शोभनि तीन अंखिया,
सह-सह नचै छनि साँप सखिया
दुर-दुर छीया ए छीया..
|काँख तर झोरी शोभनि, धथुर के वीया,
दिगम्बर के रूप देखि साले मैना के हीया
दुर-दुर छीया ए छीया.......
जै धीया के विष देथिन पिआ, कोहबर में मरती धीया
Comments
Post a Comment