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भगवतीक गीत मैथिली लोकगीत

दिय भक्ति के दान जगदम्बे, हम जेबै कतइ हे अम्बे पुत्र गलती अनेको करै छई, ओकरा माता ने एकौ धरै छै, दिय दिय सहारा हे अम्बे हम, जेबइ करइ हे अम्बे दिय भक्ति के दान जगदम्बे, हम जेबै कतइ हे अम्बे। नैया डुबल छै बीच भँवर में हमरा शक्ति नहि छै कमर में दिय दिय सहारा हे अम्बे, हम जेबइ करइ हे अम्बे दैरल-दैरल अयलऊँ हे अम्बे करिमऊ हमरा माफ हे जगदम्बे दिय भक्ति के दान जगदम्बे, हम जेबै कतइ हे अम्बे। 

मैथिली लोकगीत नचारी

यो अहाँ बाबा बैदनाथ कते के कयलहुँ सनाथ अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे नेने गंगाजल केर भार ढूढंल जंगल आर पहाड़ अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे नेने फूल बेलपात ताकी जंगल आ कैलाश अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे नेने चानन ओ अक्छत ताकी जंगल आ कैलास अयलहुँ हमहूँ अनाथ, अहाँक नगरियामे

मैथिली लोकगीत नचारी

घोड़बा चढ़ल अबथिन ब्राह्मण दुलरुआ हाथ दुनू कमलक फूल यो किए भेलौं ब्राह्मण शक्तिहीना मुँह किए तोहर मलीन यो पान बिना आहे सेवक मुँहमा मलीन भेल जनौ बिनु शक्तिसँ हीन यो देब यो ब्राह्मण बाबू पीअरे जनौआ आर देब मुखबामे पान यो नहाए सोनाए ब्राह्मण थीर भय बैसला सूर्य के कयल मलीन यो भनहि विद्यापति सुनू यो ब्राह्मण बाबू सदा रहब सहाय यो

मैथिली लोकगीतब्राह्मणक गीत

घोड़बा चढ़ल अबथिन ब्राह्मण दुलरुआ हाथ दुनू कमलक फूल यो किए भेलौं ब्राह्मण शक्तिहीना मुँह किए तोहर मलीन यो पान बिना आहे सेवक मुँहमा मलीन भेल जनौ बिनु शक्तिसँ हीन यो देब यो ब्राह्मण बाबू पीअरे जनौआ आर देब मुखबामे पान यो नहाए सोनाए ब्राह्मण थीर भय बैसला सूर्य के कयल मलीन यो भनहि विद्यापति सुनू यो ब्राह्मण बाबू सदा रहब सहाय यो

मैथिली लोकगीत ब्राह्मणक गीत

घोड़बा चढ़ल अबथिन ब्राह्मण दुलरुआ हाथ दुनू कमलक फूल यो किए भेलौं ब्राह्मण शक्तिहीना मुँह किए तोहर मलीन यो पान बिना आहे सेवक मुँहमा मलीन भेल जनौ बिनु शक्तिसँ हीन यो देब यो ब्राह्मण बाबू पीअरे जनौआ आर देब मुखबामे पान यो नहाए सोनाए ब्राह्मण थीर भय बैसला सूर्य के कयल मलीन यो भनहि विद्यापति सुनू यो ब्राह्मण बाबू सदा रहब सहाय यो